Saturday, February 4, 2012

ONE OF MY FAVORITE SHAYARIS....!!!



कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है

मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है,

मैं तुझसे दूर कैसा हुँ तू मुझसे दूर कैसी है

ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है !!!



समुँदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकता

ये आसुँ प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता ,

मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले

जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता !!!



मुहब्बत एक एहसानों की पावन सी कहानी है

कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है,

यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूँ हैं

जो तू समझे तो मोती है जो न समझे तो पानी है !!!



भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हँगामा

हमारे दिल में कोई ख्वाब पला बैठा तो हँगामा,

अभी तक डूब कर सुनते थे हम किस्सा मुहब्बत का

मैं किस्से को हक़ीक़त में बदल बैठा तो हँगामा !!!

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